हिन्दी का विश्व सन्दर्भ:एक अन्तदृष्टि

  • Ambikesh Dubey

Abstract

प्रस्तुत शोध आलेख में द्वितीयक स्रोतों का प्रयोग किया गया है । जिसमें पुस्तकें, पत्रिकाएँ व अखबार शामिल हैं । डॉ. करूणाशंकर उपाध्‍याय जी लिखित "हिन्‍दी का विश्‍व संदर्भ" एक महत्‍वपूर्ण पुस्‍तक है। पुस्‍तक में उन्‍होंने वैश्विक हिन्‍दी की वास्‍तविक स्थिति का अद्यतन संदर्भ का जिक्र किया है। जो कि काफी सूचनाप्रद है। इस पुस्‍तक में चौदह अध्‍यायों में हिन्‍दी के वैश्विक संदर्भ पर प्रकाश डाला गया है।

References

1. हिंदी का विश्व संदर्भ, डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय, राधाकृष्ण प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड, जी-17, जगतपुरी दिल्ली 110051 संस्करण:तृतीय
2. हिंदी का वैश्विक परिदृश्य, डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय, सामयिकी, 12 सितंबर 2011
3. हिंदी का वैश्वीकरण, पी.आर. वासुदेवन, पथ भारती, अंक: 1 जुलाई- सितंबर, 2006
4. हिंदी का वैश्विक परिदृश्य, डॉ. मंजू रानी, मानसरोवर प्रकाशन, डी 402 पार्श्वनाथ, प्लाट नं. 2, सेक्टर -93 ए नोएडा, उत्तर प्रदेश, संस्करण : 2017
5. हिंदी की वैश्विक उपस्थिति, जनसत्ता, 15 सितंबर 2019
Published
2023-08-10
How to Cite
DUBEY, Ambikesh. हिन्दी का विश्व सन्दर्भ:एक अन्तदृष्टि. Anusanadhan: A Multidisciplinary International Journal (In Hindi), [S.l.], v. 8, n. 3&4, p. 1-6, aug. 2023. ISSN 2456-0510. Available at: <http://thejournalshouse.com/index.php/Anusandhan-Hindi-IntlJournal/article/view/763>. Date accessed: 04 mar. 2025.