हिन्दुत्व की आन्तरिक शक्ति उसकी वैज्ञानिकता
Abstract
इस शोध पत्र में, लेखक हिन्दुत्व की आंतरिक शक्ति उसकी वैज्ञानिकता विषय पर विस्तार में प्रकाश डालता है। यह शोध पत्र हिंदुत्व की अवधारणा के आसपास के वैज्ञानिक पहलुओं का एक महत्वपूर्ण मूल्यांकन प्रदान करता है। सूक्ष्म अन्वेषण हिंदुत्व की विचारधारा से जुड़ी आंतरिक शक्ति के विभिन्न आयामों की पड़ताल करता है, इसके महत्व और निहितार्थों पर प्रकाश डालता है। हिंदुत्व की आंतरिक शक्ति उसके वैज्ञानिक स्वरूप में निहित है। हिंदुत्व, एक बहुआयामी सांस्कृतिक और राजनीतिक विचारधारा के रूप में, दार्शनिक, सामाजिक और आध्यात्मिक मान्यताओं की एक श्रृंखला को समाहित करता है जो प्राचीन भारतीय ग्रंथों और परंपराओं में निहित हैं। यह जटिल विचारधारा वेदों, उपनिषदों और रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों से ली गई भारतीय संस्कृति और इतिहास की गहराई तक पहुँचती है। धर्म (धार्मिकता), कर्म (कार्य), और मोक्ष (मुक्ति) के इसके मूल सिद्धांत हिंदुत्व की आंतरिक शक्ति की नींव बनाते हैं। हिंदुत्व की वैज्ञानिक बुनियाद इसके दार्शनिक ढांचे से आगे बढ़कर विभिन्न विषयों में व्यावहारिक अनुप्रयोगों को शामिल करती है। प्राचीन भारतीय विद्वानों ने गणित, खगोल विज्ञान, चिकित्सा और वास्तुकला में महत्वपूर्ण योगदान दिया और आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति की नींव रखी। शून्य की अवधारणा, दशमलव प्रणाली और आकाशीय गतिविधियों की समझ गहन वैज्ञानिक अंतर्दृष्टि के कुछ उदाहरण हैं जो हिंदू विचार की समृद्ध टेपेस्ट्री से उत्पन्न हुई हैं।
References
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