भूगोल, भूगर्भ शास्त्र, रिमोट सेंसिंग, पर्यावरण, परिस्थितिकीय विषय पर एक समीक्षा लेख:

  • Praniti Mishra

Abstract

भूगोल, भूगर्भ शास्त्र, रिमोट सेंसिंग, पर्यावरण, और परिस्थितिकीय विज्ञान महत्वपूर्ण और विशाल विषय हैं जो पृथ्वी के अध्ययन और उसके पर्यावरणीय प्रभावों की समझ में मदद करते हैं। ये विषय विभिन्न दृष्टिकोण से पृथ्वी की संरचना, प्रक्रियाएँ, जलवायु, भूभागों की विशेषताएँ, और पर्यावरणीय परिवर्तनों का अध्ययन करते हैं।


 


भूगोल विज्ञान पृथ्वी की संरचना, जलवायु, जीवन के पर्यावरणीय प्रभावों, और वनस्पति-जीव-जंतु के अनुसंधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भूगर्भ शास्त्र भूमि के अंतर्भूत प्रक्रियाओं के अध्ययन के माध्यम से भूमि की संरचना, भूकम्प, ज्वालामुखी, और उनके प्रभावों की जानकारी प्रदान करता है।


 


रिमोट सेंसिंग तकनीक से दूरस्थ स्थानों से डेटा को संग्रहित करने की प्रक्रिया है, जिससे पृथ्वी के विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। पर्यावरण और परिस्थितिकीय विज्ञान उन प्रभावों का अध्ययन करते हैं जिनके कारण पृथ्वी के पर्यावरण में परिवर्तन हो रहा है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, वनस्पति और जीव-जंतु जीवन में प्रभाव, और जलवायु परिवर्तन के परिणाम।


 


इन विषयों का अध्ययन हमें पृथ्वी के समस्याओं की समझ में मदद करता है और समर्थन प्रदान करता है ताकि हम पृथ्वी के पर्यावरण की संरक्षण और उसके स्थिरता में मदद कर सकें।

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Published
2023-08-27
How to Cite
MISHRA, Praniti. भूगोल, भूगर्भ शास्त्र, रिमोट सेंसिंग, पर्यावरण, परिस्थितिकीय विषय पर एक समीक्षा लेख:. Anusanadhan: A Multidisciplinary International Journal (In Hindi), [S.l.], v. 8, n. 1&2, p. 22-25, aug. 2023. ISSN 2456-0510. Available at: <http://thejournalshouse.com/index.php/Anusandhan-Hindi-IntlJournal/article/view/1172>. Date accessed: 22 dec. 2024.