पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में स्काउट गाइड की भूमिका
Abstract
बिना पर्यावरण के मनुष्य जीवन के बारे में सोचना कल्पना मात्र है। पृथ्वी पर व्याप्त पर्यावरण प्रकृति का सर्वोŸाम वरदान है। आदि काल से मानव को उसके पर्यावरण के साथ जोड़ा जाता रहा है। शिक्षा तथा पर्यावरण दोनांे में ही विकास को महत्त्व दिया जाता है। पर्यावरण में वातावरण की गुणवत्ता तथा शिक्षा में व्यक्ति की गुणवत्ता को प्राथमिकता दी जाती है। शिक्षा द्वारा मनुष्य मंे पर्यावरण की गुणवत्ता के लिए परिवर्तन तथा सुधार लाया जाता है। मानव व पर्यावरण के मध्य परस्पर पूरकता का शाश्वत सम्बन्ध है, पर्यावरणीय शिक्षा मानव और पर्यावरण के बीच के सम्बन्धों की व्याख्या करती है जिससे लोग अपने आस-पास के पर्यावरण के महत्त्व को ठीक से समझ सके तथा अपने पर्यावरण को सुरक्षित व संरक्षित रखने हेतु प्रेरित हो सके। पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए राजस्थान राज्य भारत स्काउट एवं गाइड के राज्य मुख्यालय द्वारा इको क्लब की स्थापना की गई है। सह शैक्षिक गतिविधियों के अन्तर्गत स्काउटिंग/गाइडिंग कार्यक्रमों का अहम् स्थान है। इनके माध्यम से छात्र-छात्राओं में श्रमनिष्ठा, कत्र्तव्यनिष्ठा, स्वावलम्बन व नैतृत्व की भावना को विकसित किया जाता है । स्काउटिंग-गाइडिंग की इसी प्रवृति के अन्तर्गत सर्वांगीण विकास का प्रयास किया जाता है। स्काउट गाइड को पर्यावरण मित्र भी कहा गया है । यह पशु-पक्षियों का मित्र तथा प्रकृति प्रेमी होता है। प्रत्येक राष्ट्र की आवष्यकताएँ युग सापेक्ष होती है। आज के परिप्रेक्ष्य में देष को नैतिक सेवा, सौहार्द ओैर रचनात्मक क्षेत्र में आगे बढा़ने की आवष्यकता है और यह कार्य स्काउटिंग/गाइडिंग के द्वारा सम्पन्न हो सकता है। इसके माध्यम से बच्चों को नैतिक दृष्टि में सुदृढ,़ कार्य के प्रति प्रतिबद्ध, रचनात्मकता के प्रति सन्नद्ध तथा पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित होकर कार्य करने हेतु आगे बढ़ाया जा सकता है।
अतः प्रकृति के जैविक व अजैविक घटकों मे संतुलन व संरक्षण बनाये रखना आज प्रत्येक व्यक्ति का कर्Ÿाव्य है। स्वस्थ एवं स्वच्छ पर्यावरण न केवल जीवन बल्कि उसके विकास के लिये भी अत्यंत आवश्यक है ।
DOI: https://doi.org/10.24321/2456.0510.202008
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