भारत की विदेश नीति के अंतर्गत अन्य देशों के साथ सम्बंध

  • Dr. Rajkaur kaur

Abstract

किसी भी देश की विदेश नीति इतिहास से गहरा सम्बन्ध रखती है, भारत इसका अपवाद नहीं है। भारतीय विदेश नीति भी ऐतिहासिक विरासत के रूप में अनेक तथ्यों को समेटे हुए है, जो प्राचीन काल से लेकर इसके स्वतन्त्रता आंदोलन से उपजे थें। शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व व विश्वशान्ति का विचार हजारों वर्षों से उस चिन्तन का परिणाम है जिसे महात्मा बुद्ध व महात्मा गाँधी जैसे विचारकों ने प्रस्तुत किया था। इसी तरह भारत की विदेश नीति में उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद व रंगभेद की नीति का विरोध महान राष्ट्रीय आन्दोलन की उपज है। वर्तमान परिदृष्य में भारत के अधिकतर देशों के साथ औपचारिक राजनायिक संबंध है। प्राचील काल में भारत के समस्त विश्व से व्यापारिक, सांस्कृति व धार्मिक संबंध रहे तथा स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारत ने अधिकांश देशों के साथ सौहाद्रपूर्ण संबंध बनाए रखे। वैश्विक मंचों पर भारत सदैव सक्रिय रहा तथा 1990 के बाद उदारीकरण की नीति से भारत ने आर्थिक रूप से भी प्रभावित किया। सामरिक तौर पर भारत ने अपनी शक्ति को बनाए रखा है एवं विश्व शान्ति में यथासम्भव योगदान देता रहा। पाकिस्तान व चीन के साथ भारत के सम्बन्ध तनावपूर्ण अवश्य है किन्तु रूस के साथ सामरिक संबंधों के अलावा इजरायल व फ्रांस के साथ विस्तृत रक्षा संबंध भी है।

Published
2022-08-18
How to Cite
KAUR, Dr. Rajkaur. भारत की विदेश नीति के अंतर्गत अन्य देशों के साथ सम्बंध. Anusanadhan: A Multidisciplinary International Journal (In Hindi), [S.l.], v. 4, n. 1&2, p. 1-4, aug. 2022. ISSN 2456-0510. Available at: <http://thejournalshouse.com/index.php/Anusandhan-Hindi-IntlJournal/article/view/638>. Date accessed: 22 dec. 2024.